होम Uncategorized 3500 करोड़ की सब्सिडी से किसान आंदोलन को काउंटर करने का यह...

3500 करोड़ की सब्सिडी से किसान आंदोलन को काउंटर करने का यह है बीजेपी का प्लान

128
0

3500 करोड़ की सब्सिडी से किसान आंदोलन को काउंटर करने का यह है बीजेपी का प्लान

मोदी सरकार ने गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए चीनी निर्यात पर 3500 करोड़ की सब्सिडी दी है, जिसे बीजेपी गन्ना किसानों के लिए सौगात के तौर पर पेश कर रही है. खासकर पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों के बीच मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी के नेता जाकर किसान सम्मेलन करेंगे.

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले बीस दिनों से किसान आंदोलन चला रहे हैं, जिसे काउंटर करने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा राजनीतिक दांव चला है. मोदी सरकार ने गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए चीनी निर्यात पर 3500 करोड़ की सब्सिडी दी है, जिसे बीजेपी गन्ना किसानों के लिए सौगात के तौर पर पेश कर रही है. खासकर पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों के बीच मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी के नेता जाकर किसान सम्मेलन करेंगे.

मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया कि गन्ना किसानों को इस साल सरकार 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3500 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है. इस सब्सिडी को चीनी मिल मालिकों द्वारा गन्ना किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से देश के पांच करोड़ गन्ना किसानों और पांच लाख मजदूरों को सीधा फायदा होगा.

दरअसल, मोदी सरकार की कोशिश है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान संगठनों का आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो जाए. इस दिशा में मोदी सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही हैं, लेकिन किसान संगठन इन कृषि सम्बंधित कानूनों में संशोधन करने के लिए सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर चुके हैं और तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

ऐसे में सरकार एक तरफ किसान संगठनों से बातचीत करने को तैयार है तो दूसरी तरफ किसान आंदोलन को काउंटर करने की रणनीति बनाई है. बीजेपी देशभर में किसान सम्मेलन करके ये संदेश दे रही है कि ये मोदी सरकार जो कृषि कानून लाई है वो किसान के लिए फायदेमंद है. इन कानूनों से किसानों का कोई नुकसान नहीं होगा. साथ ही बीजेपी ये भी बताने की कोशिश कर रही है कि आंदोलन के पीछे मोदी सरकार के खिलाफ एक राजनैतिक षड्यंत्र है.

गन्ना किसानों के भुगतान के लिए मोदी सरकार के द्वारा चीनी निर्यात पर घोषित की गई सब्सिडी के दूसरे दिन ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी यूपी के बरेली में किसान सम्मेलन को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए कामों का जिक्र किया. ऐसे ही आने वाले दिनों में स्मृति ईरानी और संजीव बालियान समेत कई केंद्रीय मंत्री पश्चिमी यूपी में किसान सम्मेलन को सम्बोधित करके कृषि कानूनों के महत्व को किसानों को समझाते नजर आएंगे.

इस तरह से साफ है कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में कृषि और किसानों के फायदे के लिए कुछ बड़े कदम उठाकर ये संदेश देने की कवायद करेगी कि उनकी सरकार की प्राथमिकता में किसान सर्वोपरि हैं, लेकिन सरकार किसी भी सूरत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है.

पिछला लेखकेजरीवाल ने विधानसभा में कृषि कानून की कॉपी फाड़ी, कहा- अंग्रेजों से बदतर न बने सरकार
अगला लेखशुभेंदु के बाद ममता को एक और झटका, TMC विधायक जितेन्द्र तिवारी ने पार्टी के सभी पदों से दिया इस्तीफा
Pratah Kiran is Delhi & Bihar's Rising Hindi News Paper & Channel. Pratah Kiran News channel covers latest news in Politics, Entertainment, Bollywood, Business and Sports etc.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें